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टॉपर्स मंत्रा:UPSC टॉपर हिमांशु त्‍यागी के टिप्‍स – मिरर, कैमरे में जवाबों की प्रैक्टिस करें, बीते महीने की करेंट अफेयर्स स्‍ट्रॉन्‍ग रखें

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मेरा नाम हिमांशु त्यागी है। 2022 में, मैंने UPSC की तीसरी कोशिश में सफलता प्राप्त की और वर्तमान में मैं IFS ऑफिसर के रूप में कार्यरत हूँ। इससे पहले, मैं भारतीय ऑयल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (IOCL) में काम कर रहा था। इंटरव्यू पैनल ने मुझसे पूछा कि मैंने IOCL क्यों छोड़ा। मेरा उत्तर सीधा और सरल था – मैं एनर्जी सेक्टर में काम कर रहा था, लेकिन मैं चाहता था कि मैं ग्राउंड लेवल पर काम करूं, जिसमें सोसाइटी के साथ सीधा संबंध हो। मेरा उद्देश्य था कि मेरा कार्य अधिक लोगों को प्रभावित करे। इसके बाद, मुझसे यह पूछा गया कि तेल का उपयोग प्रदूषण को बढ़ा रहा है। ऐसे में, IOCL का भविष्य क्या होगा और क्या 30-40 साल बाद कंपनी बनी रहेगी, इसके बारे में मेरी राय क्या है।

सामान्यत: इंटरव्यू में आपसे आपके पूर्व अनुभव के संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए उस पर घबराने की जरूरत नहीं है। पैनलिस्ट आमतौर पर साधारित सवाल पूछते हैं। UPSC इंटरव्यू 2023 का दूसरा चरण 19 फरवरी से शुरू हो रहा है। इसकी तैयारी के लिए, मैं कुछ टिप्स और अपने अनुभव को आपसे साझा कर रहा हूं।

इंटरव्यू की तैयारी के लिए 4 तैयारियां

1. पिछले हफ्तों की करंट अफेयर्स और अपने एकेडेमिक बैकग्राउंड के सवालों की तैयारी करें।
2. सिचुएशनल बेस्ड सवालों के लिए कुछ मॉडल उत्तर तैयार करें, जैसे कि अगर आप DM या SDM बन जाएं तो आप कैसे काम करेंगे।
3. मिरर या कैमरा के सामने बोलने की प्रैक्टिस करें। अपने उत्तरों को रिकॉर्ड करें और खुद को सुनकर स्वयं को समीक्षा करें।
4. कैमरे में वीडियो रिकॉर्ड करके देखें ताकि आप अपनी बॉडी लैंग्वेज की गलतियों को सुधार सकें।

अधिक मॉक इंटरव्यू से बचें

जब आपको लगे कि आपकी तैयारी हो गई है, तो आपको एक-दो मॉक इंटरव्यू देना चाहिए। इसके बाद, आपको अपने मॉक इंटरव्यू के परिणामों की विश्लेषण करना चाहिए कि वहाँ क्या गलतियाँ हुईं। हालांकि, मॉक सत्रों को बहुत गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। अगर सुझाव में सुधार दिखाई देता है तो आपको उन पर काम करना चाहिए और दो सप्ताह बाद एक और मॉक इंटरव्यू देना चाहिए। अगर आवश्यकता हो तो तीसरा मॉक इंटरव्यू देना चाहिए, लेकिन तीन या चार से ज़्यादा मॉक इंटरव्यू नहीं देना चाहिए और दो मॉक इंटरव्यू के बीच कम से कम एक हफ्ते का अंतर रखना चाहिए।

पर्सनैलिटी और बैकग्राउंड की जानकारी के लिए होता है इंटरव्यू

UPSC का इंटरव्यू एक साधारित कॉन्वर्सेशन होता है, जिसका उद्देश्य आपकी मौजूदा मूल्यों और प्रतिबद्धता को समझना है। जो पद आप चाहते हैं, उसके लिए आपकी व्यक्तिगतता कितनी उपयुक्त है, यह एक टेस्ट होता है या नहीं, इसे यहां नहीं जाँचा जाता है। यह कोई ज्ञान परीक्षण नहीं है। इसमें आपकी क्षमता और आपका माइंडसेट कैसा है, ऐसा जाँचा जाता है।

अधिकांश सवालों में आपसे संबंधित विषयों पर ही प्रश्न पूछे जाते हैं। उदाहरण के रूप में, यदि आपने पहले किसी मीडिया हाउस में काम किया है, तो आपसे आपके पत्रकारिता के अनुभव, किस-किस कहानियों पर काम किया है, इन सबके बारे में पूछा जा सकता है। इसमें अगर कोई झूठ बोलता है या फर्जी बयान देता है तो पैनल व्यक्ति उस कैंडिडेट को गौर से जांचता है। इसके अलावा, आपके ग्रेजुएशन के विषय पर भी प्रश्न पूछे जा सकते हैं। अगर कोई सब्जेक्ट से संबंधित मौलिक प्रश्नों का उत्तर नहीं दे पा रहा है, तो इससे यह इम्प्रेशन हो सकता है कि कैंडिडेट ने ग्रेजुएशन को सीरियसली नहीं लिया है।

सिविल सेवा में शामिल होने की क्यों इच्छा है?

यह सवाल बहुत ही सामान्य है। अधिकांश समय इस सवाल का उत्तर करने के लिए कैंडिडेट से पूछा जाता है। इस सवाल का उत्तर बारीकी से अवलोकन भी किया जाता है, ताकि यह देखा जा सके कि क्या वाकई कैंडिडेट लोगों की सेवा करना चाहता है या नहीं। कैंडिडेट की इंटेंशन्स इस सवाल के उत्तर के आधार पर निर्धारित की जाती हैं। लेकिन ध्यान दें, इस सवाल का कोई आदर्श जवाब तैयार नहीं करना चाहिए। आपका जो भी व्यक्तिगत कारण है सिविल सेवा में शामिल होने के पीछे, वही बताना चाहिए। मैंने कहा था कि UPSC की सभी सेवाएं में बहुत कम उम्र में बहुत ज्यादा एक्सपोजर मिलता है। ग्राउंड लेवल पर काम करने का मौका मिलता है। सोसायटी के साथ करीबी से काम कर सकते हैं और ये जॉब काफी प्रेस्टीजियस भी है।

पैनल में पाँच व्यक्ति होते हैं

UPSC के इंटरव्यू पैनल में पाँच सदस्य होते हैं। इसमें एक चेयरपर्सन और तीन अन्य पैनालिस्ट्स शामिल होते हैं, जो कि विभिन्न क्षेत्रों से बुलाए गए लोग होते हैं। चेयरपर्सन UPSC के सदस्य होते हैं और मुख्य रूप से इंटरव्यू को नेतृत्व करते हैं। सभी पैनालिस्ट्स को एक-एक के क्रम में सवाल पूछने का अधिकार होता है, जबकि चेयरपर्सन मुख्यतः इंटरव्यू की शुरुआत करते हैं। इंटरव्यू के दौरान, आप चेयरपर्सन के बीच बैठते हैं और आपके दोनों ओर दो-दो अन्य पैनालिस्ट्स बैठते हैं। किसी भी पैनालिस्ट का पूर्ण बैकग्राउंड कैंडिडेट्स को नहीं बताया जाता है, ताकि निष्कलंक इंटरव्यू हो सके।

कैंडिडेट्स के ड्रेसिंग सेंस का भी मूल्यांकन किया जाता है

इंटरव्यू के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं होता। आप कुछ भी पहनकर जा सकते हैं, बस फॉर्मल दिखना चाहिए। ड्रेसिंग सेंस से ऐसा लगना चाहिए कि कैंडिडेट इंटरव्यू को लेकर सीरियस है। कपड़ों की वजह से आप कैजुअल नहीं लगने चाहिए। जींस-टीशर्ट पहनकर जा रहे हैं, तो उस पर पैनलिस्ट सवाल कर सकते हैं। ऐसे में आपके पास एक प्रॉपर एक्सप्लेनेशन होना चाहिए कि क्यूं आपने उन कपड़ों को चुना। आपको अपने कपड़ों को जस्टिफाई करना होगा। मेरा सुझाव है कि फॉर्मल कपड़े ही पहनें।

हालांकि, कपड़ों पर मार्क्स डिपेंड नहीं करते। पैनलिस्ट्स काफी सीनियर होते हैं। वे आपका एटिट्यूड देखते हैं, आपकी लैंग्वेज और आपके कपड़ों का इंटरव्यू पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है।

सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले सवालों का अधिकांश अभ्यर्थियों से नहीं पूछा जाता है। हालांकि, जागरूकता और उनकी जानकारी की जाँच के लिए आसपास के घटनाओं और विषयों के बारे में सवाल किए जा सकते हैं। पैनलिस्ट्स देख सकते हैं कि अभ्यर्थी इंटरव्यू के दिन कितने जागरूक हैं। उदाहरण के लिए, एक IFS के इंटरव्यू के लिए, UPSC बिल्डिंग के गार्डन में कौन-कौन से पेड़ हैं, इस पर पूछा जा सकता है। ब्रेकफास्ट कहां किया गया, ऐसे सामान्य सवालों से अभ्यर्थी के आत्म-समर्पण और आत्म-संवाद की जाँच की जा सकती है।

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